राजकीय महाविद्यालय सितारगंज ऊधम सिंह नगर जनपद के पिछडे़ एवं जनजातीय वाहुल्य क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु 14 जुलाई 2014 से कला संकाय के कुल छह विषयों हिन्दी, अंग्रेजी, समाजशास्त्र , शिक्षाशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, तथा इतिहास के साथ कुमाऊॅ विश्वविद्यालय नैनीताल से अस्थाई सम्बद्वता प्राप्त कर प्रारम्भ हुआ उत्तराखण्ड के तत्कालीन मा0 मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा ने इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा की आवश्यकता एवं जनता की माॅग के दृष्टिगत इस महाविद्यालय की स्थापना कराई। इस क्षेत्र में राजकीय महाविद्यालय के अभाव में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु हल्द्वानी, खटीमा, रूद्रपुर, नैनीताल जाना पडता था जिसके कारण उच्च शिक्षा पर अत्यधिक समय व धन का व्यय होता था। जो छात्र छात्राऐ आर्थिक रूप से सम्पन्न नहीं थे वे प्रायः उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस महाविद्यालय की स्थापना से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आई है। सभी वर्गों के विद्यार्थी उच्च शिक्षा से लाभान्वित हो रहे है। महाविद्यालय परिवार का प्रयास है कि कम से कम शुल्क में अच्छे से अच्छे स्तर की उच्चशिक्षा इस क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध कराई जाये। सत्र 2020-21 से विज्ञान वर्ग तथा वाणिज्य वर्ग की स्नातक कक्षाओं के संचालन हेतु स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। अध्ययन अध्यापन के अतिरिक्त सामाजिक, साॅस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय विकास के लिए शिक्षणेत्तर गतिविधियों के द्वारा छात्र छात्राओं को जागरूक करने एक अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनाना हमारा उद्देश्य है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त छात्र छात्राएं राष्ट् व समाज के विकास में ईमानदारी से अपना अपना योगदान दे सके। इसी उदेष्य की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना, उन्नत भारत अभियान, स्वच्छता मिशन, पर्यावरणीय अध्ययन आदि के माध्यम सेे समय समय पर वांछित गतिविधियों का संचालन किया जाता है।